Baba Ramdev: बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पतंजलि ग्रुप का सामान इस समय दुनिया के करीब 200 देशों में बिकने लगा है। इसके प्रोडक्ट की पहुंच दो अरब लोगों तक हो चुकी है। यह दावा खुद बाबा रामदेव का है। उन्होंने आज ही इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा है कि अगले पांच साल में ग्रुप का टर्नओवर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नई दिल्ली: बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की अगुवाई वाले पतंजलि ग्रुप (Patanjali Group) ने बड़ा लक्ष्य तय किया है। कंपनी ने सभी तरह के ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट बाजार में उतारने की मंशा जताई है। इसके साथ ही ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में अपना कारोबार बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम शुरू हो चुका है। बता दें कि मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र में 193 राष्ट्र हैं। वहीं बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप का दावा है कि उसके प्रोडक्ट 200 देशों में बिकने लगे हैं।
पतंजलि फूड्स की रहेगी अहम भूमिका
पतंजलि ग्रुप के प्रमुख बाबा रामदेव ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर उपभोक्ता समूह तक पहुंचने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स (पूर्व में रुचि सोया) इस लक्ष्य को पाने में अहम भूमिका निभाएगी। इसका कारोबार अगले पांच वर्षों में 45,000-50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रुप का टर्नओवर एक लाख करोड़ तक पहुंचेगा
रामदेव ने कहा, “हमारा लक्ष्य पतंजलि समूह के कारोबार को अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है। अपनी सूचीबद्ध कंपनी पतंजलि फूड्स का कारोबार भी 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का इरादा है।” उन्होंने बताया कि इस समय पतंजलि ग्रुप का टर्नओवर करीब 45,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इस कंपनी ने अब कई मल्टीनेशनल कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है।
पतंजलि का प्रोडक्ट अफोर्डेबल
बाबा रामदेव का कहना है कि बाजार में औरों के प्रोडक्ट जहां महंगे होते हैं, वहीं पतंजलि के प्रोडक्ट अफोर्डेबल होता है। उन्होंने कहा कि समूह पतंजलि आयुर्वेद नामक कंपनी के माध्यम से पहले भी अफोर्डेबल प्रोडक्ट पेश करता रहा है। अब पतंजलि फूड्स के माध्यम से उभरते उच्च-मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर भी उत्पाद पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समूह की पहुंच दुनिया के करीब 200 देशों में लगभग दो अरब लोगों तक हो चुकी है। आने वाले वर्षों में इसे और भी आगे बढ़ाया जाएगा।