इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने के नाम पर कोड भेजकर या नंबर डायल करवाकर जालसाज मिनटों में आपके मोबाइल फोन की कंट्रोल में लेकर आपके अकाउंट में सेंध लगाने के साथ ही आपके वॉट्सऐप ग्रुप पर मेसेज भेजकर नुकसान भी पहुंचा सकता है।
लखनऊ: गोमतीनगर विस्तार में रहने वाले सुरेंद्र के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एक मोबाइल टेलिकॉम कंपनी के कस्टमर केयर का कर्मचारी बताया। उसने पूछा कि आपके मोबाइल फोन में इंटरनेट की स्पीड स्लो तो नहीं है। पीड़ित ने डाउनलोडिंग स्लो होने की दिक्कत बताई तो कस्टमर केयर के कर्मचारी ने एक कोड *401* भेजकर उसे डाउनलोड करवाया।
कोड डाउनलोड होते ही खुद को कस्टमर केयर का कर्मचारी बताने वाले जालसाज ने उनके मोबाइल की कंट्रोलिंग अपने हाथ में ले ली और उनके बैंक खाते की ओटीपी हासिल कर 32 हजार रुपये निकाल लिए। पीड़ित ने साइबर सेल में शुक्रवार को शिकायत दर्ज करवाई है। इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के चक्कर में सुरेंद्र ने अपनी पूंजी गंवा दी, लेकिन आप सावधान हो जाइए।
यहां हुई चूक
किसी अनजान शख्स को मोबाइल नेटवर्किंग कंपनी का कर्मचारी मानकर उससे पर्सनल डिटेल शेयर नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही अनजान व्यक्ति की ओर से भेजे गए कोड को क्लिक नहीं करना चाहिए। सुरेंद्र ने जालसाज की बातों पर विश्वास किया। कोड क्लिक होते ही उस शख्स के मोबाइल में मौजूद उसकी डिटेल जालसाज तक पहुंच गई और उसने खाते में सेंध लगा दी।
क्या बोले एक्सपर्ट
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि वॉट्सऐप हैकिंग के केस कुछ ही पल में हो जाते हैं। इसलिए इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के नाम पर कॉल करने वालों से सावधान रहें। ऐसे केस बहुत आ रहे हैं। जालसाज कोड, ऐप या नंबर भेजकर जाल में फंसा रहे हैं। अनजान कोड, लिंक पर क्लिक न करें और अनजान नंबर पर कॉल न करें। अगर आपके साथ ऐसी घटना हो जाती है तो फौरन सेटिंग से कॉन्टैक्ट में जाकर कम्प्लेन रजिस्टर करें और जालसाज की ओर से मोबाइल फोन में लगाए गए कॉल फॉरवर्डिंग को डी एक्टिवेट करने के साथ ही साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाएं।
पुलिस लाइंस में तैनात कॉन्स्टेबल राजेश ने बेटे की पढ़ाई व मकान बनवाने के लिए खाते में कुछ पैसे जमा कर रखे थे। ग्रेजुएशन में पढ़ने वाला उनका बेटा घर के हालात देख रहा था। उसके मोबाइल पर इंवेस्टमेंट के बाद रुपये बढ़ाकर देने का मेसेज आए। उसने पापा की मदद करने की सोची और साइबर जालसाज के जाल में फंसता गया। जालसाजों ने शुरुआत में उसे 1000 पर 1200, दो हजार पर 2200 और तीन हजार पर 3500 रुपये बढ़ाकर दिए। भरोसा जीतने के बाद उससे 3,95,008 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। ठगे जाने की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की रिपोर्ट महानगर थाने और साइबर सेल में दर्ज करवाई है।
कमाया धेला नहीं, लुटाए छह लाख
महानगर के विवेकानंदपुरी निवासी रुचि के वॉट्सऐप पर एक मेसेज आया, जिसमें लिखा था कि डिजिटेक्टिस मीडिया कंपनी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए गूगल मैप्स समीक्षाएं लिखवाने के लिए लोगों को तलाश रही है। यह कमिशन आधारित जॉब है। इसमें टारगेट एक्चीव करने वाले को 50% कमिशन का इनाम भी दिया जाएगा। रुचि झांसे में आ गईं और लिंक पर क्लिक कर महिला जालसाज से जुड़ गईं। उसके बाद उसने अधिक मुनाफे का भरोसा दिलाकर टेलिग्राम से जोड़कर 18 दिन में छह लाख रुपये निवेश करवाए।
-अनजान व्यक्ति पर आंख मूंद कर भरोसा न करें।
-अनजान शख्स की ओर से भेजे गए लिंक, कोड, ऐप पर क्लिक न करें।
-इंटरनेशनल कॉल व अनजान कॉल से दूरी बनाए रखें।
-बढ़ाकर रकम देने वालों के साथ कभी इंवेस्टमेंट न करें, पैसा कमाने का ऐसा कोई फंडा नहीं है।
-ऑनलाइन जॉब का ऑफर देने वालों की सत्यता परखने के बाद ही कदम आगे बढ़ाएं।