UPI Transaction: ट्रांजैक्शन महंगा होने की खबर आते ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे। किनके लिए ये ट्रांजिशन एक्शन होगा महंगा? किसे ये अतिरिक्त छात्रवृत्तियां होंगी? क्या 1 अप्रैल से अब पेटीएम, गूगलपे, फोन जैसे ऐप से ट्रांजेक्शन महंगा हो जाएगा? लोगों के मन में उठ रहे सवालों के सभी जवाब और तमाम भ्रम के हल यहां पढ़ें।
डोमेन्स
UPI ट्रांजेक्शन से निलंबन का असर आपको नहीं मिलेगा
बैंक टू बैंक ट्रांजिशन एक्शन पूरी तरह से मुफ्त है।
बदलाव सिर्फ ट्रांसफर एक्शन को लेकर हो सकता है
नई दिल्ली: आज की तारीख में आप खरीदारी करने के लिए ना तो कैश की जरूरत है और ही किसी कार्ड की। अगर आपका मोबाइल फोन आपके साथ है तो आप बड़ी आसानी से कितनी भी खरीदारी कर सकते हैं। नोटबंदी के बाद से लोगों को यू-शिकायत (UPI Payment) की ऐसी आदत लगी कि लोग कैश अधिकार भूल गए। मोबाइल क्रांति के इस दौर में आप छोटी से बड़ी खरीदारी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करें। UPI को लेकर खबर आई कि ये महंगा होने जा रहा है। 2000 रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन पर 1.1 सेंट का चार्ज लगेगा। यूपीआई का मतलब स्माइल पे (गूगल पे), फोन पे (फोन पे) और पेटी (पेटीएम) जैसे डिजिटल माध्यम से अगर आप 2 हजार रुपये से अधिक का अधिकार लेते हैं तो आपको थोड़ी अधिक जेब चोरी कर सकते हैं, लेकिन इसमें थोड़ा सा काट रहे हैं। अगर आप बैंक अकाउंट से लिंक अपशपमेंट करते हैं तो आपके लिए कुछ नहीं बदला है।
2. UPI पेमेंट पर कब लगेगा चार्ज
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने सर्कुलर में सुझाव दिया कि 2000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर आपको 1.1 फीसदी का चार्ज लगेगा। सुझाव दिया गया है कि UPI से मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स यानी PPI फीस लागू हो सकता है। एनपीसीआई के सर्कुलर के मुताबिक 2000 रुपये से अधिक की रकम के UPI ट्रांजेक्शन पर आपको 1.1 फीसदी चार्ज देना पड़ सकता है। इस खबर के आने के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठने लगे। सवाल ये कि क्या इस फैसले के बाद यूजर के लिए यूपीआई महंगा हो जाएगा? क्या ये चार्ज सभी तरह के ऑनलाइन पेमेंट पर लगने वाला है या फिर किसी खास सेगमेंट पर इसका असर पड़ने वाला है?
NPCI ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट कहा है कि इस बदलाव का कोई असर ग्राहकों पर नहीं होगा। ग्राहकों को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा। बैंक खातों से जुड़े UPI लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। वह पहले की तरह ही बिल्कुल मुफ्त हैं। केवल PPI वॉलेट पर शुल्क होगा , जो मर्चेंट को देना होगा। ग्राहकों के लिए इसपर कोई शुल्क नहीं है।
3. क्या महंगा हो जाएगा UPI पेमेंट?
एनपीसीआई की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक ये चार्ज मर्चेंट यूपीआई ट्रांजैक्शन पर लगाया जाएगा। यानी ये चार्ज बैंक और प्रीपेड वॉलेट के बीच होने वाले पीयर टू पीयर (P2P) और पीयर टू मर्चेंट (P2M) के ट्रांजैक्शन पर लागू नहीं होगा। यानी आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आप बिना किसी परेशानी और चिंता के यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। सीधे शब्दों में कहे तो UPI पेमेंट बिल्कुल फ्री है। आपके लिए कुछ नहीं बदला है। यूपीआई बैंक (UPI Bank) ट्रांसफर में कुछ नहीं बदला है।
4. किसे देना होगा चार्ज ?
नया प्रस्ताव सिर्फ वॉलेट/पीपीआई ( Wallets/PPI) के लिए है। यानी अगर आप वॉलेट से 2 हजार से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको इंटरचेंज फीस लग सकती है, लेकिन ये चार्ज मर्चेंट को लगेगा। यानी अगर आप प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) जैसे कि वॉलेट, क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट करते हैं तो आपको इंटरचेंज फीस देना होगा। ये चार्ज आपके द्वारा मर्चेंट को किए गए कुल पेमेंट का 1.1 फीसदी होगा। ये भी तब जब ये ट्रांजैक्शन 2000 रुपये से अधिक का होगा। ये बिल्कुल वैसा ही है जो डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के केस में होता है। बैंक टू बैंक ट्रांजैक्शन अभी भी पूरी तरह से फ्री है।
ये चार्ज मर्चेंट को देना होगा। यहां मर्चेंट का मतलब आप आसान भाषा में उस दुकानदार को समझे, जिसे आप यूपीआई से पेमेंट कर रहे हैं।
4.क्या आम जनता पर होगा इसका असर ?
इंटरचेंज चार्ज लगने पर आम व्यक्ति के जेब पर कोई असर नहीं होगा। इंटरचेंज चार्ज का भुगतान मर्चेंट की ओर से वॉलेट या कार्ड जारीकर्ता को किया जाता है। ऐसे में 2000 रुपये से कम का भुगतान करने वाले वाले मर्चेंट पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इस सर्कुलर के मुताबिक अगर आप अपने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे पेटीएम, फोनपे जैसे वॉलेट में अपने बैंक से पैसे डालते हैं तो पेटीएम, फोनपे जैसी कंपनी को रेमिटर बैंक को ट्रांजैक्शन लोड करने के लिए 15 बेसिस प्वाइंट का पेमेंट करना होगा।